||ॐ नमः शिवाय||
श्री महादेव जी की असीम अनुकम्पा और आशीर्वाद की प्रेरणा से, बबेरू, बांदा - 210121 में "श्री पहाड़ी महादेव" नाम से एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण पूरा हो गया है। शेष कुछ महत्वपूर्ण कार्य, प्रगति पर हैं। इन शेष कार्यों को सभी भक्तों के उदार दान से संचालित हो रहा है, और हम सभी को मिलकर इसे "प्राण प्रतिष्ठा" से पूर्व पूर्ण करना है ।
श्री महाकाल उज्जैन के वेदाचार्यों और यज्ञाचार्यों के द्वारा, "प्राण प्रतिष्ठा" समारोह के लिए "शुभ मुहूर्त", १८ नवंबर २०२४ से २१ नवंबर २०२४ निर्धारित किया गया है।
इस पवित्र अवसर पर पहाड़ी महादेव मंदिर ट्रस्ट, भगवान शिव के सभी अनुयायियों एवं सनातन भक्तों को, शिव लिंग की प्रतिष्ठा का दिव्य दर्शन, पूजन, यज्ञ एवं हवन में भाग लेने, आशीर्वाद लेने और प्रसाद प्राप्त करने के लिए सादर आमंत्रित करता है |
बांदा जिले के अंतर्गत बबेरू तहसील में श्री पहाड़ी महादेव मंदिर ट्रस्ट (80G सर्टिफाइड) के तत्वावधान में श्री पहाड़ी महादेव मंदिर का निर्माण हो रहा है, यह मंदिर चित्रकूट, प्रयागराज, काशी और गया जैसे प्राचीन और सांस्कृतिक शहरों को जोड़ने वाले राजमार्ग 92 पर स्थित है। प्राचीन काल से यह क्षेत्र अध्यात्म और भक्ति का केंद्र रहा है। यह नगर ऋषि वामदेव , ऋषि भरद्वाज और संत तुलसीदास की तपस्थली और कर्मस्थली रहा है। ऋग्वैदिक काल से लेकर आज तक कई संत इस क्षेत्र में रहते आये हैं।यह स्थान आध्यात्मिक रूप धन्य होने के बाद भी, इस क्षेत्र का विकास और लोगों का जीवन स्तर अभी भी प्रयागराज, काशी जैसे शहरों से बहुत पीछे है।इस क्षेत्र के किसान, बारिश पर निर्भर हैं तथा इनके पशुओं की दशा तो और भी गंभीर है, इन्हें बीमार होने पर दवा और इलाज भी समय से नहीं मिलता, जिससे पशुधन की बहुत हानि होती है और किसान की दशा अति दयनीय और सोचनीय हो जाती है।इस छेत्र में स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा का स्तर बहुत ही नीचे है ।
श्री पहाड़ी महादेव मंदिर के माध्यम से, सनातन धर्म के सिद्धांतों के साथ यहाँ के हर वर्ग की मदद करने, पशुधन को बचाने और युवाओं को उच्च शिक्षित करने के लिए क्रमशः कार्यक्रम शुरू किये जायेंगे, ताकि वो आत्मनिर्भर बनने के साथ एक सुसंस्कृत समाज और मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकें।
श्री पहाड़ी महादेव मंदिर ट्रस्ट अपने लाभार्थियों के हितों का प्रबंधन और संरक्षण करेगा।
मंदिर के शेष कार्य की सारिणी: सभी से निवेदन है की श्री महादेव के इस भव्य मंदिर के निर्माण में अपना योगदान करें और शिव का अनुग्रह प्राप्त करे। आप के दिए सहयोग के लिए, आप पर और आपके परिवार पे चिरकाल तक शिव जी की अनुकम्पा बानी रहे।
नीचे दिए गए सारिणी में से कोई भी एक कार्य या उसके एक भाग के लिए सहयोग कर सकते है , जैसे आप फर्श के लिए एक बॉक्स टाइल्स, एक दिन की मजदूरी, एक दिन का क्रेन का भाड़ा, इत्यादि।
आप अगर कोई बड़ा कार्य भी कराना चाहते है जैसे पानी के लिए बोरिंग, मंदिर के फर्श का निर्माण, गर्भ गृह की दीवालों में मार्बल, मंदिर का द्वार इत्यादि , आप जो भी दान देते है, वो उसी जगह पर एक शिलालेख लगाया जायेगा जो की मंदिर के साथ हजारों साल सुरछित रहेगा और भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
बचा हुआ कार्य:
श्री राम दरबार की स्थापना
संगीत और ध्वनि प्रणाली
मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण
चारों तरफ संगमरमर की रेलिंग 140 ft
मंदिर में सागौन का दरवाजा 6 ft x5 ft --संपन्न
मंदिर के सामने फर्श का निर्माण : 1100 sq ft -संपन्न
प्रवेश द्वार के सामने सीमेंट का फर्श -संपन्न
मंदिर का विद्युतीकरण और प्रकाश व्यवस्था -संपन्न
संगमरमर के काम के 1 दिन की लागत दान करें (३० दिन की घड़ाई का कार्य शेष है ) - Rs 10,000 / दिन
१ बॉक्स मार्बल टाइल्स (कुल १८० बॉक्स की आवश्यकता है) - Rs 5001 / बॉक्स
** दान किस कार्य के लिए दिया है उसका विवरण जरूर बताये, ज्यादा जानकारी और दान के विवरण के लिए आप व्हाट्सअप ९५७५०००७७० पर सम्पर्क करें।
मंडपम का सामरण -संपन्न
गर्भ गृह की दादरी-संपन्न
गर्भ गृह भीतरी दीवार -संपन्न
लघु मण्डपम सामरण - -संपन्न
मंदिर का संगमरमर का फर्श -संपन्न
सीढ़ी बनाना -संपन्न
सीढ़ियों पर संगमरमर का आवरण -संपन्न
गणपति मंदिर 6 फीट x 6 फीट -संपन्न
नंदी मूर्ति 3.5 फीट -संपन्न
गणेश मूर्ति 3.5 फीट -संपन्न
सुरक्षा कैमरे और उपकरण-संपन्न
24/7 पानी के लिए बोरिंग-संपन्न
क्रेन किराए का 1 दिन का भाड़ा दान करें (२० दिन क्रेन की आवश्यकता है ) - संपन्न
दादरी: यह गुंबद के अंदर से एक सुंदर शंक्वाकार पैटर्न बनाने के लिए नक्काशीदार पत्थरों को एक साथ रखा गया है।
सामरन: गुंबद के बाहर से पैटर्न बनाने के लिए गुंबद के बाहर परत पत्थर को कवर किया गया है।
**जो भी दानदाता अकेले या मिलकर इस कार्य को करता है तो उनके नाम का शिलालेख लगाया जायेगा और उसकी छोटी सी छोटी जानकारी संरछित की जाएगी
** सभी दान 80G के अंतर्गत छूट प्राप्त है |
मई 2024 : मंदिर के गिर्भ गृह में संगमरमर की परत और संगमरमर के फर्श का काम पूरा हो चुका है और अब लकड़ी के दरवाजे, मुख्य प्रवेश द्वार, फर्श और अन्य फिनिशिंग का काम पूरा किया जाना है। उपरोक्त कार्य में योगदान देने के लिए कृपया दान लिंक का उपयोग करें।
अक्टूबर 2023 मंदिर की बाहरी संरचना का काम पूरा हो चुका है और अब मंदिर की सीढ़ियाँ, फर्श, विद्युतीकरण, पानी की लाइन, फर्श पर संगमरमर का काम आदि कार्य प्रगति पर है।
उपरोक्त कार्य में योगदान देने के लिए कृपया दान लिंक का उपयोग करें।
२ जनवरी २०२३, शिखर का कार्य आरम्भ करने के लिए मार्बल घड़ाई का कार्य प्रगति पर है, दादरी का कार्य और सामरण का कार्य बहुत ही विशाल संगमरमर के पत्थरों से हो रहा है , इसमें सभी पत्थरों को किसी भी तरह का लोहा या सीमेंट का प्रयोग किये बिना, एक दूसरे से इंटरलॉकिंग तरीके से रखा गया है।
मंदिर स्थल स्थान: बांदा रोड, बबेरू, बांदा 210121, चित्रकूट प्रयागराज और काशी के प्राचीन और सांस्कृतिक शहरों को जोड़ने वाले राजमार्ग 92 पर स्थित है।
निकटतम रेलवे स्टेशन: बांदा यू.पी (code: BNDA)
निकटतम हवाई अड्डा: लखनऊ ( code: LKO)